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जय शम्भुनाथ दिगंबराम एक श्रृंगारी भजन है जो भगवान शिव की महिमा को गाने वाला है। इस लेख में, हम इस आध्यात्मिक गीत के शब्दों की खोज करेंगे और इसके संगीतीय महत्व को जानेंगे। जय शम्भुनाथ दिगंबराम का मतलब है “हे धन्य हो दिगंबर शिव!” यह भजन भगवान शिव की पूजा और महिमा को समर्पित है, और इसमें उनके शान्तिदायक स्वरूप की प्रशंसा की गई है। इस भजन के बोलों में शिव के अनेक गुणों और लीलाओं का वर्णन किया गया है, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊँचाइयों तक पहुंचाता है।
Jai Shambhunath Digambaram Lyrics
जयशंभुनाथ,दिगंबरम् ।करुणाकरं जगदीश्वरम् ।।
भवतारणम् भयहारणम्।
करुकरंजगदीश्वरं ।।
मृगछाल अंग शुशोभितम्।करमाल दंड बिराजितं ।।
यमकाल पासबिमोचकम्।
करुणाकरं जगदीश्वरम् ।।
जय शंभुनाथ दिगंबरम् ।
करुणाकरम् जगदीश्वम्।।
भवतारणम् भयहारणम् ।करुणाकरं जगदीश्वरं ।।
गलरुण्डमाल कपालब्याल।
तनभस्म शोभित सुंदरम् ।।
तवशक्ति अंग शुशोभितम् ।करुणा करम् जगदीश्वम् ।।
जय शंभुनाथ दिगंबरम् ।करुणाकरं जगदीश्वम् ।।
भवतारणं भयहारणम्।
करूणा करम् जगदीश्वम् ।।
हे दक्क्षयग्य बिनाशकम् ।
हे कामदाहन कारणम्।।
श्री गणेशस्कं द नमस्कृतम् ।
करुणाकरम् जगदीश्वम्।।
जय शंभुनाथ दिगंबरम् ।करुणाकरम् जगदीश्वम् ।।
भवतारणम् भयहारणम् ।
करूणाकरम् जगदीश्वम् ।।
हे आशुतोष शशांकशेखर।चंद्रमौलिमृतुंज्जयम्।।
तवपादकमल नमाम्हम्।2
करूणाकरम् जगदीश्वम् ।।
जय शंभुनाथ दिगंबरम् ।
करूणा करम् जगदीश्वम् ।।
भवतारणम् भयहारणम्।
करूणाकरम् जगदीश्वम् ।।3
कृतेना अनीनां अद्यदिने शिवअस्तु कृपाधाखेना कर्मणा कर्मणा धीश्त्वद भवानी शंकर महारुद्र
महामृतुंजय श्रीभगवत्तीदारी ईश्वर चरणा रबिदंमम्
प्रीयताम नममः
श्री शाष्टांग शिवार्पणमस्तु शिवागईदम् नममः
श्री शाष्टांग जगदंम्बाअर्पण मस्तु।
अंम्बाप्रियताम् नममः
हरहॐ तत्सत हरह ॐ तत्सत हरह ॐ तत्सत।
बोलो केदारेश्वर महराज की जय
श्रीश्री अंम्बेमातु की जय
सत्यसनातन बैदिकधर्म की जय
ओम नमः पार्वतीपतये
शिव हर हर हर महादेव शंभु।।
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भजन के मुख्य भाग
जय शम्भुनाथ दिगंबराम भजन के मुख्य भाग में भगवान शिव की आराधना और प्रशंसा है। इसमें शिव के विभिन्न स्वरूपों, अस्तुति, और आराधना के लिए स्तुति है। भजन के मुख्य भाग में निम्नलिखित शब्द हैं:
जय शम्भुनाथ दिगंबराम, भोले नाथ की जय!
इस भाग में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव को उनके दिगंबर स्वरूप के लिए जय घोषित किया है, जिससे व्यक्ति शिव के अद्वितीयता की महत्वपूर्णता को समझता है।
शिव की लीलाएं
जय शम्भुनाथ दिगंबराम भजन में शिव की विभिन्न लीलाएं और महिमा का वर्णन है। भक्तों ने उनकी भूत, वर्तमान, और भविष्य में रची गई लीलाओं की स्तुति की है, जिससे शिव का आध्यात्मिक महत्व और भक्ति में समर्थन दिखता है।
भजन का आध्यात्मिक महत्व
जय शम्भुनाथ दिगंबराम भजन का आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है, क्योंकि इसमें भगवान शिव की भक्ति और पूजा का समर्थन है। इसके शब्द भक्तों को आत्मा के साथ एकता में ले जाते हैं और उन्हें आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।
भक्ति का माध्यम
भजन एक श्रद्धालु के लिए भक्ति का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। “जय शम्भुनाथ दिगंबराम” के रूप में शिव की पूजा करने से व्यक्ति भक्ति और समर्थन की भावना में लिपटा रहता है। भजन के माध्यम से व्यक्ति भगवान के साथ अपनी भक्ति को व्यक्त करता है और आत्मा को शांति प्राप्त होती है।
भजन का संगीतीय महत्व
जय शम्भुनाथ दिगंबराम का संगीतीय महत्व भी अत्यधिक है। इस भजन का संगीत शांति और भक्ति की भावना को सुन्दरता से सहित करता है और भक्तों को भगवान के साथ एक अद्वितीय महसूस कराता है।
राग और ताल
जय शम्भुनाथ दिगंबराम का संगीत विशेष रागों और तालों के साथ मिलकर एक सुरीला अनुभव प्रदान करता है। इसके मेलोदियस स्वर भक्तों को आत्मिक सुख और शांति में ले जाते हैं, जो आध्यात्मिक संगीत का उच्च माध्यम होता है।
आपकी आत्मा को छूने वाला अनुभव
जय शम्भुनाथ दिगंबराम भजन एक आध्यात्मिक अनुभव को समर्थन करने वाला है जो शिव के आद्यात्मिक स्वरूप के साथ जुड़कर आत्मा को छूने में सहायक होता है। इस भजन के माध्यम से भक्ति और संगीत का आनंद लें और अपने आत्मा के साथ एक नए संबंध बनाएं।
निर्माता का संदेश
जय शम्भुनाथ दिगंबराम भजन निर्माता का संदेश है कि भगवान की पूजा और स्तुति के माध्यम से ही आत्मा को शांति और सुख की प्राप्ति हो सकती है। इसमें समाहित किए गए भगवान के गुणों के माध्यम से भक्ति और साधना का महत्वपूर्णता बताया गया है।
समापन
जय शम्भुनाथ दिगंबराम भजन एक आध्यात्मिक सफलता का संगीत है, जो भक्ति और संगीत के साथ आत्मा को मिलता है। इसे सुनकर भक्त अपने आत्मा के साथ एक नए संबंध की ऊँचाइयों को छू सकता है और शिव के आध्यात्मिक रूप का अनुभव कर सकता है।
अगर आप अपनी आत्मा के साथ संबंध बनाना और भगवान शिव की महिमा का अनुभव करना चाहते हैं, तो “जय शम्भुनाथ दिगंबराम” भजन को सुनें और आत्मा की गहराईयों में विचरण करें।